जोधपुर : आमतौर पर आप समझते होंगे कि पनीर जो होता है वह दूध से ही बनता है मगर इस खबर को पढ़ने के बाद आपका नजरिया बदलने वाला है. एक ऐसा पौधा, जिसके फूलों से पनीर बनाया जाता था. फूल को रात भर दूध में रखा जाता था. अगले दिन खट्टा होने पर पनीर बनाया जाता था. अब इस पौधे का उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है. आयुर्वेद में इस पौधे को कई बीमारियों से बचाव और इलाज के लिए फायदेमंद माना गया है. डाइट में इसे शामिल करने पर ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है.
औषधीय गुणों से इस पौधे का नाम ‘पनीर बंद का पौधा’ है. इसे इंडियन चीज मेकर के नाम से भी जाना जाता है। लुप्त हो चुके दोनों पौधों को जोधपुर के केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने एक बार फिर से जिंदा किया है ताकि इन पौधों के इतिहास और उपयोग को आने वाली पीढ़ी जान सके.
यह खास पौधा
काजरी के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीयब्रत सांतरा और वैज्ञानिक सौरभ स्वामी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि की पनीर बंद के पौधे को डेजर्ट का पौधा कह सकते हैं. ये पौधा झाड़ीदार होता है. इसमें छोटे-छोटे फूल होते हैं. धीरे-धीरे ये पौधा लुप्त होने लगा है. यह राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में ही होता था। राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में इसका उपयोग बंद होने के बाद इस पौधे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. धीरे-धीरे यह लुप्त हो गया. पंजाब के कुछ हिस्सों में अभी इसे फिर से लगाया गया है. इसके चलते इसके फूलों का उपयोग दवाओं के रूप में किया जा रहा है. अब दो साल से काजरी में भी इस पौधे को लगाकर इसे जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है.
इस पौधे से इस तरह तैयार होता है पनीर
वैज्ञानिकों की माने तो पुराने समय में पनीर बंद के पौधे के फूलों से पनीर बनाया जाता था. बुजुर्ग इससे पनीर बनाने की विधि को पूरी तरह से जानते थे. इस पौधे के फूल को रात भर दूध में रखा जाता था, जिससे खट्टे स्वाद का पनीर बनकर तैयार होता था. आज इसका उपयोग पनीर बनाने के लिए नहीं किया जाता है। पौधे के फूल का उपयोग दवाओं को बनाने में किया जाता है. यह इस पौधे में मौजूद औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों से बचाव और इलाज के लिए फायदेमंद माना गया है. ज्यादातर लोग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए पनीर के फूल को डाइट में शामिल करते हैं.
सर्दी जुकाम में कारगर
सर्दी-जुकाम और बुखार में भी आता है कामपनीर के फूल न्यूट्रिशन इम्युनिटी को बढ़ाते हैं.पनीर के काढ़े का सेवन करके सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी परेशानियों से निजात पा सकते हैं. सर्दी-जुकाम के लिए अच्छा घरेलू उपाय हैं.
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इन बीमारियों को भी करता है दूर
डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए पनीर बंद के फूलों का उपयोग किया जाता है. पनीर का फूल इंसुलिन को बैलेंस में रखने में मदद करता है. पनीर के फूल के अर्क में न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव मौजूद होता है, जो दिमाग के लिए फायदेमंद है. वहीं, अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल यानी दिमाग से जुड़ी परेशानी है, जिसकी वजह से ब्रेन सेल डैमेज होने लगते हैं. खून को साफ करता है पनीर डोडा एक नेचुरल ब्लड प्यूरीफायर है, जो शरीर में वात का बैलेंस बनाए रखने में मददगार है.
Tags: Health News, Jodhpur News, Local18
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 21:13 IST
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