इस बार सितारों की दिवाली, परिवार वाली… आलिया भट्ट से लेकर कार्तिक, कौन कैसे मना रहा त्योहार!

इस बार सितारों की दिवाली, परिवार वाली… आलिया भट्ट से लेकर कार्तिक, कौन कैसे मना रहा त्योहार!

मनोरंजन

रोशनी और आतिशबाजी का त्योहार दिवाली आ गई है। बस दो दिन बाद पूरा देश एक साथ मिलकर दिवाली का त्योहार मनाएगा। इस मौके पर हमारे सेलेब्स भी किसी से पीछे नहीं हैं। आलिया भट्ट से लेकर कार्तिक आर्यन तक ने अपनी दिवाली के प्लान्स को बताया है।

रोशनी का त्योहार दिवाली अपनी जगमगाहट के साथ आने को है। यह एक ऐसा फेस्टिवल है, जो अपने साथ रोशनी ही नहीं बल्कि सकारात्मकता भी लाता है। आपकी-हमारी तरह है जाने-माने सेलेब्स के लिए भी ये पर्व खुशियों का बहाना होता है। यहां जाने -माने सितारे अपनी दिवाली योजनाओं के बारे में तो बता ही रहे हैं, साथ ही वे अपनी बचपन की दिवाली के संस्मरण साझा करना नहीं भूलते। राहा को दिवाली के सही मायने समझाऊंगी: आलिया भट्ट
बचपन में तो हर साल रंगोली बनाना और और दोस्तों के साथ दिवाली मनाने का इंतजार रहता था। वो दिवाली मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगी। हम सभी लोग इकट्ठा हुआ करते थे। हालांकि पिछले साल भी हम दोनों परिवारों ने साथ मिलकर दिवाली मनाई थी, तो इस बार भी घर में परिवार के साथ पूजा-पाठ होगी। काम से छुट्टी लेकर बस सबके साथ समय बिताऊंगी और घर का बना पसंदीदा खाना खाऊंगी। मुझे आशा है कि मैं अपनी बेटी राहा को इस त्योहार का सही मतलब सिखाऊंगी, अपने बचपन की कहानियां बताऊंगी कि कैसे हमारे परिवार ने एक साथ मिलकर इसे मनाया जाता है। हम साथ मिलकर रंगोली बनाकर खूबसूरत यादें बनाने की उम्मीद करेंगे और मुझे आशा है कि यह अनुभव उसे खुशी देगा और उसके चेहरे पर मुस्कान लाएगा।

बहन और मेरे बीच दीये जलाने का कंपटीशन होता था: कार्तिक आर्यन
ये पहली बार है, जब मेरी फिल्म भूल भुलैया 3 दिवाली पर रिलीज हो रही है, तो मुझे लग रहा है कि इस दिवाली मैं अपनी फिल्म का प्रमोशन ही कर रहा होऊंगा। मगर ये तय है कि टोटल धमाल होने वाला है। बचपन में तो मुझे ग्वालियर की दिवाली याद है, जब मैं ग्वालियर में था तो कई प्यारी बातें, तो इतनी अच्छी तरह से याद हैं कि हमारे घर में ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स आते थे और मिठाइयों का अंबार लग जाता था। हम भी अपने रिश्तेदारों के घर मिठाई और ड्राई फ्रूट्स लेकर जाया करते थे। घर में सूरज उगने से पहले उठने का चलन था और इन दिनों ख़ास तरह के पकवान बनते थे। बच्चे के रूप में नए कपड़ों का बेसब्री से इंतजार रहता था। मैं और मेरी बहन (कृतिका तिवारी) खूब रोशनाई किया करते थे और हमारे बीच में दीये जलाने का कंप्टीशन होता था।

बचपन में तो सुतली बम से हाथ जला चुका हूं: अरशद वारसी
जब हम बड़े होते हैं, तो समझ आती है और हालात और पर्यावरण को देख कर हम बहुत सारी चीजें सीखते हैं। एक लंबे अरसे से मैंने प्रदूषण मुक्त दिवाली को ध्यान में रखते हुए, पटाखे जलाना छोड़ दिया है। मैं बच्चों को भी इसके लिए मना करता हूं, क्योंकि शोर-शराबे के साथ प्रदूषण बहुत होता है, मगर आपको एक मजेदार बात बताऊं,बचपन में मुझे आतिशबाजी का इतना शौक था कि मैं अपने हाथ में सुतली बम फोड़कर हाथ जला चुका हूं, मगर अब तो एक अरसे से मैंने आतिशबाजी करना छोड़ दिया है। मगर एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि मुझे दिवाली का फेस्टिवल बेहद पसंद है। मेरी पत्नी मारिया क्रिश्चियन है, मैं मुस्लिम हूं और मेरा स्टाफ हिंदू है,मगर हमारे घर में हर त्योहार मनाया जाता है। दिवाली पर तो मारिया खास तौर पर पूरे घर को चमका देती है। मुझे इस फेस्टिवल की पॉजिटिव वाइब्स बहुत अच्छी लगती है। इस साल दिवाली पर हम अपने दोस्त निर्देशक कबीर खान और उनकी पत्नी मिनी माथुर के घर दिवाली डिनर पर मिलने जाएंगे और जम कर दिवाली मनाएंगे।

अब की बार दिवाली पूजा का हिस्सा बनूंगी: मृणाल ठाकुर
इस बार दिवाली को लेकर मैं काफी खुश हूं, क्योंकि इस बार मैं अपने परिवार संग दिवाली मनाने वाली हूं। बीते कई सालों से दिवाली के मौके पर मैं काम करती रही हूं। पिछले साल में तो मैं थाईलैंड में थी, फिल्म फैमिली स्टार के सेट पर और मैंने मुंबई के कंदीलों और रोशनाई को बहुत मिस किया था, मगर इस साल मेरी कोई शूटिंग नहीं है, तो मैं मम्मी-पापा संग बहुत ही सादगी से इस पर्व का आनंद लूंगी। महाराष्ट्रीयन होने के नाते हामरे घर में धनतेरस के दिन से ही दिवाली की धूम होती है। दिवाली पर हमारे यहां चकली, सेव, करंजी, बेसन के लड्डू जैसी कई पारंपरिक मिठाइयां अनिवार्य रूप से बनती है। दिवाली की पूजा हमारे लिए काफी अहम होती है। मुझे सोच कर अच्छा लग रहा है कि अब की बार दिवाली पूजा का हिस्सा बनूंगी। किशोरावस्था में मुझे दिल्ली की दिवाली याद है, जब हम पूरा परिवार दिवाली पर दिल्ली गए थे। हमने वहां दिवाली बहुत खास ढंग से मनाई थी।

घर को दीयों से सजा कर दूर से निहारूंगा: पंकज त्रिपाठी
मेरी जितनी भी संस्मरणीय दिवाली हैं, वो बचपन की ही हैं। तब मैं गांव में गोपालगंज के बेलसंड गांव में रहा करता था। उस जमाने में मिट्टी के दीये कुमार के घर से आते थे। घर के पुराने कपड़ों या रूई से बाती बनती थी और हम अपने ही खेत में उगाए गए सरसों के तेल से दीये जलाया करते थे। तब गांव में बिजली नहीं होती थी और उन्हीं दीयों से पूरा घर जगमगाया करता था। मोमबत्तियां भी बाद में आईं। हालांकि बाद में भी खपरैल के घर में दीया, मोमबत्ती जलाने की बड़ी इच्छा होती थी, मगर खपरैल की छत होने के कारण वो टिक नहीं पाता था। बाद में जब मैंने पक्का मकान बनवाया, तो अपना ये अरमान भी पूरा किया। दिवाली पर अपने घर के चारों तरफ दीये लगाना और उसे दूर से देखने का आनंद ही कुछ और होता है। इस बार मैं अपने घर को उसी तरह से दीयों से सजाने वाला हूं और दूर से जाकर उसे निहारूंगा। पत्नी के बनाए हुए होममेड लड्डू का भी मजा लूंगा। वैसे दिवाली की सार्थकता तो मुझे अपने माता-पिता के साथ लक्ष्मी पूजन करके ही लगती है, मगर कई बार व्यस्तता के चलते वो नहीं हो पाता। फिर भी कोशिश रहती है कि ऐसे पर्व पर माता-पिता का आशीष मिले।

इस बार दिवाली को बहुत मिस करूंगी: नित्या मेनन
बचपन की दिवाली मैं आज तक नहीं भूली। तब तो हम खूब पटाखे फोड़ा करते थे। उस दिन हमारा परिवार एक साथ इकट्ठा होता था। हमारी एक्सटेंडेड फैमिली भी हमसे जुड़ती थी। वो दिन बहुत मस्त हुआ करते थे। मगर फिल्म जगत में आने के बाद मुझे इस त्योहार को सेलिब्रेट करने का मौका नहीं मिलता। कई सालों से मैं दिवाली पर ट्रैवल या शूटिंग कर रही होती हूं। सच कहूं, तो एक कलाकार के लिए जन्मदिन, दिवाली या क्रिसमस मनाना लग्जरी की तरह होता है। सेट पर कई बार जब दिवाली होती है, तो एक दिवाली डिनर का आयोजन होता है, मगर बचपन में दिवाली अलग लगती थी। अब तो बहुत काम होता है। इस बार तो क्या ही बोलूं , मैं दिवाली पर एक बहुत ही रिमोट विलेज में शूटिंग करने वाली हूं। जहां शायद मेरा नेटवर्क भी न हो, तो ये दिवाली मैं सब कुछ बहुत मिस करने वाली हूं।


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