How Fasting Extend Lifespan: भारत में उपवास यानी फास्टिंग का चलन सदियों से चला आ रहा है. कई त्योहारों पर लोग व्रत रखते हुए देखे जा सकते हैं. धार्मिक आस्था से हटकर देखा जाए, तो फास्टिंग करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जा सकता है. वैज्ञानिकों ने अब तक कई रिसर्च में यह दावा किया है कि सही तरीके से फास्टिंग की जाए, तो इससे लोगों के जीवन की अवधि यानी लाइफस्पैन बढ़ सकता है और कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. कई लोग व्रत को फायदेमंद नहीं मानते हैं और इसे सिर्फ आस्था से जोड़कर देखते हैं. आज जानेंगे कि फास्टिंग को लेकर साइंस क्या कहता है.
यूएस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक फास्टिंग करने से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है और एजिंग प्रोसेस धीमी होने लगती है. इससे शरीर में बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और जीवनकाल बढ़ सकता है. वैज्ञानिकों की मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग और पीरियोडिक फास्टिंग को शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जा सकता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब दिन में कुछ घंटे फास्टिंग करना है, जबकि पीरियोडिक फास्टिंग में लोग हर महीने 2 से 7 दिनों का व्रत रखते हैं. रिसर्च की मानें तो रोजाना अगर कैलोरी का सेवन कम किया जाए, तो इससे उम्र बढ़ सकती है.
साइंस की मानें तो उपवास के दौरान हमारा शरीर अपनी एनर्जी को ज्यादा प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करता है और सेहत को दुरुस्त रखता है. जब हम खाना नहीं खाते हैं, तो शरीर पुरानी और डैमेज सेल्स की रिपेयरिंग करता है और नई सेल्स का निर्माण करता है. इस प्रोसेस को विज्ञान की भाषा में ऑटोफैगी कहा जाता है. यह प्रोसेस उम्र बढ़ने के संकेतों को कम कर सकती है. फास्टिंग करने से शरीर की सूजन कम होती है. यह सूजन हार्ट डिजीज और कैंसर की वजह बन सकती है. फास्टिंग में शरीर में सूजन कम करने वाले हॉर्मोन्स का प्रोडक्शन बढ़ता है, जो आपको लंबी उम्र तक जवान रखता है.
फास्टिंग करने से हमारे शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ सकती है. जब शरीर इंसुलिन का बेहतर उपयोग करता है, तो यह डायबिटीज और अन्य बीमारियों के खतरे को कम करता है. व्रत को दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जा सकता है. कई स्टडीज से पता चला है कि फास्टिंग से लोगों में हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है. इससे हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है. अच्छी हार्ट हेल्थ का मतलब लंबा जीवन हो सकता है. फास्टिंग का मेंटल हेल्थ पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है. इससे ब्रेन की फंक्शनिंग में सुधार होता है. इससे तनाव और चिंता कम हो सकती है.
कई स्टडीज में फास्टिंग को लंबी जिंदगी से जोड़ा गया है, लेकिन अधिकतर रिसर्च एनिमल्स पर की गई हैं. कुछ रिसर्च लोगों पर भी किए गए हैं और इनमें भी पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिला है. इनमें दिखाया गया है कि समय-समय पर फास्टिंग करने वाले लोगों का जीवनकाल लंबा हो सकता है. इसे लेकर कई रिसर्च अब भी चल रही हैं. हालांकि फास्टिंग सही तरीके से हो, तभी सेहत को फायदा होता है. गलत तरीके से फास्टिंग से सेहत को नुकसान हो सकता है. अगर आप हेल्दी हैं, तो फास्टिंग कर सकते हैं. अगर किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो फास्टिंग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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Tags: Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 11:06 IST
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