चमत्कारी औषधि है भगवान शिव का प्रिय यह पौधा, अस्थमा से लेकर पथरी के दर्द में है कारगर, जानें उपयोग

चमत्कारी औषधि है भगवान शिव का प्रिय यह पौधा, अस्थमा से लेकर पथरी के दर्द में है कारगर, जानें उपयोग

Health And Fitness

अंकुर सैनी/सहारनपुर: भारत में औषधीय पौधों की 7000 से ज्यादा प्रजातियां हैं. जिसमें से काफी पौधे ऐसे हैं जिनको हिंदू धर्म के लोग पूजा पाठ करने में इस्तेमाल भी करते हैं. साथ ही साथ उन पौधों का आयुर्वेद में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि भगवान शिव का सबसे पसंदीदा पौधा है और शिवरात्रि या फिर सोमवार पर जब भी कोई श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने जाता है तो उनके पसंदीदा फल धतूरे को ही चढ़ाना पसंद करता है, क्योंकि भगवान शिव को धतूरा काफी पसंद है. साथ ही कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है. अगर इसके फायदे की बात करें तो आयुर्वेदिक दवाइयों में धतूरे का काफी इस्तेमाल होता है. मरीज के शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन को उतारने में धतूरा रामबाण काम करता है. साथ ही साथ सांस की बीमारियों, अस्थमा के मरीज, पथरी के दर्द में भी यह काफी फायदेमंद होता है. धतूरा काफी जहरीला होता है. इसको कोई भी व्यक्ति सीधे रूप से इस्तेमाल न करें. केवल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए.

भगवान शिव को इसलिए पसंद आता है धतूरा

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि धतूरा भगवान शंकर का प्रिय पौधा है. भगवान शंकर की पूजा में धतूरे के फूल, पत्ते और फल चढ़ाए जाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, समुद्र मंथन के बाद जब भगवान शंकर का कंठ हलाहल विष से नीला हो गया था और वे बेहोश हो गए थे, तब मां जगदंबा ने देवताओं को धतूरे और भांग से उनका इलाज करने को कहा था. देवताओं ने भगवान शंकर के मस्तक पर धतूरा और भांग चढ़ाकर उनका जलाभिषेक किया था, जिससे उन्हें होश आया था. साथ ही साथ धतूरे का इस्तेमाल तांत्रिक लोग भूत-प्रेत जिन आदि को उतारने में भी करते हैं.

आयुर्वेदिक दवाइयों में धतूरे का होता है इस्तेमाल

आयुर्वेदिक डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि धतूरा जिसका फल कटीला होता है इसको इंग्लिश में थोर्न एप्पल कहा जाता है. जिसका वानस्पतिक नाम धतूरा मेटल है. यह बहुत सारी बीमारियों में काम आता है. लेकिन सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल सांस की बीमारी में किया जाता है. धतूरे का चूर्ण बनाकर सिगरेट के रूप में धुंआ मरीज की सांस की नली में भेजा जाता है जिससे कि उसकी सांस की प्रॉब्लम दूर हो जाती है. अस्थमा की कंडीशन में इसका इस्तेमाल किया जाता है. वही शरीर की किसी भी प्रकार की सूजन पर धतूरे का लेप बनाकर लगाने से सूजन दूर हो जाती है. गठिया बाई में सूजन आने पर भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है. अगर किसी के गुर्दे में पथरी है और उसको दर्द हो रहा है तब भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरीके से कई सारी बीमारियों में धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है या यू कहा जाए कि धतूरा कई बीमारियों के लिए रामबाण का काम करता है.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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