भारत और चीन के बीच जमी रिश्तों की बर्फ अब पिघलने लगी है. इसका स्पष्ट उदाहरण आज वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर देखने को मिला, जहां दिवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक दूसरे को मिठाइयां भेंट कीं.
यह तस्वीरें ऐसे समय सामने आई हैं जब दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में दो संवेदनशील प्वाइंट डेमचोक और देपसांग के मैदानों पर अलगाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है. दिवाली के मौके पर ऐसी तस्वीरें सामने आने पर इसे कुटनीतिक नजरिये से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, चूशुल-मोल्डो सीमा बैठक स्थल पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया.
सेना के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया की दिवाली के मौके पर LAC पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का लेन-देन किया गया. सूत्रों ने बताया कि यह आदान-प्रदान एलएसी के पांच सीमा कर्मी बैठक (बीपीएम) बिंदुओं पर हुआ.
बुधवार को एक सेना के सूत्र के मुताबिक दोनों पक्षों के सैनिकों ने उपरोक्त बिंदुओं पर अलगाव प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे जल्द ही गश्त संचालन की शुरुआत हो सकेगी. अलगाव के बाद सत्यापन प्रक्रिया चल रही है, जिसमें गश्त की विधियों पर स्थानीय ग्राउंड कमांडरों से सहमति बनाई जाएगी. सूत्र के मुताबिक, बातचीत स्थानीय कमांडर स्तर पर जारी रहेगी.
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भारत और चीन के बीच रिश्तों में कैसे आया सुधार
यह राजनयिक सुधार भारत और चीन के बीच हाल के हफ्तों में हुई व्यापक वार्ताओं के बाद हुआ, जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को पुष्टि की. इस समझौते का उद्देश्य 2020 में हुए सीमा संघर्षों से उपजी समस्याओं का समाधान करना है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की थी.
यह सहमति LAC पर पूर्वी लद्दाख में गश्त और सैनिकों के अलगाव पर केंद्रित है, जो चार साल से ज्यादा वक्त से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. जैसे-जैसे दोनों देश ये कदम उठाते हैं, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आशा की किरण दिखाई देती है.
डेमचोक और देपसांग से अस्थायी चौकियों और टेंट हटाने के बाद, दोनों देशों के सैनिक अप्रैल 2020 से पूर्व की स्थिति में लौट आए हैं. डिसइंगेजमेंट और वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बाद, सेना आज यानी दिवाली के दिन कुछ प्रारंभिक पेट्रोलिंग शुरू करेगी.
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