ठंड के मौसम में ड्राई फ्रूट्स की डिमांड बढ़ जाती है. बादाम, काजू और किशमिश की तरह, मखाना भी सर्दियों का एक बहुत ही पौष्टिक सूखा फल है. इसमें कई पौष्टिक तत्व होते हैं जो सर्दियों में बहुत काम आते हैं. दिवाली के दौरान मखाने की मांग बढ़ जाती है. बहुत से लोग इसके गुणों के बारे में नहीं जानते हैं. इसके स्वाद के कारण ही वे इसे खाना पसंद करते हैं.
देवताओं का भोजन
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढन ने कहा, मखाने को देवताओं का भोजन कहा जाता है. इसके प्रयोग के बिना जन्म, मृत्यु, विवाह, शिशु स्नान, व्रत और यज्ञ हवन अधूरे हैं. अंडे का हर जगह विशेष महत्व होता है. मखाना जैविक हर्बल उत्पादों में आता है, क्योंकि इसे बिना किसी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशकों के उपयोग के उगाया जाता है.
बॉडी बनाने में मददगार
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि कई लोग बॉडी बनाने के लिए जिम जाते हैं. शक्ति वर्धक के रूप में विदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी जाती है. लेकिन देसी मखाने से बनी औषधि के इस्तेमाल से आप दोगुना वजन और स्टेमिना बढ़ा सकते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को ताकत भी प्रदान करता है. इसलिए जो लोग मॉर्निंग वॉक से लेकर जिम, योगा बार जाते हैं उन्हें देसी मखाना जरूर खाना चाहिए.
शरीर स्वस्थ रहता है
रात को सोने से पहले दूध के साथ मखाने का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है. इसका नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है और शरीर स्वस्थ रहता है. मखाना शरीर के अंगों को सुन्न होने से बचाता है और घुटने और पीठ के दर्द से बचाता है. गर्भवती महिलाओं और डिलीवरी के बाद कमजोरी महसूस करने वाली महिलाओं को मखाना खाना चाहिए. मखाने को दूध में मिलाकर खाने से सूजन से राहत मिलती है.
Tags: Health, Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 19:13 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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