ED ने कहा- 10 दिनों में खाली करो बंगला और फार्म हाउस
शिल्पा और राज ने वकील प्रशांत पाटिल के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि कपल को 27 सितंबर, 2024 को ED की ओर से एविक्शन (निष्कासन) नोटिस मिला है। कपल ने इसे ‘अर्थहीन, लापरवाह और मनमानी’ बताया है। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि उनके अपने घर और परिवार के रहने के अधिकार की रक्षा की जाए। ED ने नोटिस में 10 दिनों के भीतर मुंबई स्थित घर और पुणे में फार्म हाउस खाली करने का निर्देश दिया है।
निवेशकों से 6 करोड़ की ठगी का है मामला
कथित पोंजी स्कीम मामले में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ 2018 से कार्रवाई चल रही है। दोनों का नाम इस मामले से तब जुड़ा, जब ईडी ने अमित भारद्वाज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि सेलिब्रिटी कपल ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर बिटकॉइन के रूप में निवेशकों से 6 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी।
कोर्ट से बोला कपल- हम जांच में सहयोग कर रहे हैं
अदालत में दी गई अपनी याचिका में शिल्पा और राज ने कहा है कि वो जांच में ईडी के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। इसमें आगे कहा गया है कि दंपत्ति ने 2018 से 2024 के बीच ईडी द्वारा उन्हें भेजे गए सभी समन का जवाब दिया है।
राज कुंद्रा के पिता ने 2009 में खरीदा था बंगला
याचिका में आगे बताया गया है कि शिल्पा और राज तब दंग रह गए, जब अप्रैल 2024 में उन्हें ईडी का नोटिस मिला। इसमें उनकी संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था, जिसमें उनका जुहू वाला बंगला शामिल था। यह बंगला राज कुंद्रा के पिता ने साल 2009 में खरीदा था। कुर्की के अनंतिम आदेश के बाद, दोनों याचिकाकर्ताओं को समन किया गया और दोनों ED के सामने पेश हुए और बयान भी दर्ज करवाया। याचिका में आगे कहा गया है कि कपल ने अनंतिम कुर्की के आदेश के खिलाफ निदेशाल में जवाब भी दाखिल किया, लेकिन कानूनों को दरकिनार करते हुए न्यायाधिकरण ने 18 सितंबर को कुर्की का नोटिस भेज दिया।
शिल्पा और राज बोले- हम वहां 15 साल से रह रहे हैं
शिल्पा और राज ने अपनी याचिका में आगे कहा गया है कि मनी लान्ड्रिंग से जुड़े पीएमएलए के प्रावधानों के मुताबिक, इस आदेश को चुनौती दी जा सकती है। लेकिन अब उस आदेश के बाद हमें घर खाली करने यानी बेदखली का नोटिस दिया जा रहा है। हम इस घर में 15 साल से भी अधिक समय से रह रहे हैं। यह भी बताया गया है कि ये संपत्तियां ‘वैध’ तरीके से कमाए गए पैसों से खरीदी गई है न कि कथित ‘अपराध की कमाई’ से।
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