Kala Namak Vs Sendha Namak: पिछले कुछ सालों में हमारे घर की रसोइयों में सफेद नमक की जगह धीरे-धीरे रॉक सॉल्ट (सेंधा नमक) और पिंक सॉल्ट ने ले ली है. वहीं दूसरी तरफ काला नमक अपने कई गणों के चलते लोगों के खाने का अहम हिस्सा बनता जा रहा है. आजकल लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों और युवाओं में भी बढ़ते ब्लड प्रेशर के कारण लोग अपनी डाइट से सामान्य नमक (सफेद नमक) कम करने के प्रति बेहद जागरूक हो रहे हैं. सेंधा नमक और काले नमक एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. आयुर्वेद की मानें तो सेंधा नमक का इस्तेमाल पित्त दोष को दूर करने के लिए किया जाता है. जबकि काला नमक का इस्तेमाल गैस, कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है.
रॉक साल्ट (सेंधा नमक)
रॉक साल्ट, जिसे व्रत के दौरान उपयोग किया जाता है, प्राकृतिक खनिजों से भरपूर होता है. इसे शुद्ध माना जाता है क्योंकि इसमें आयोडीन या अन्य रसायन जैसे एडिटिव्स नहीं होते. यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने और पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक है. इसका उपयोग न केवल खाने में, बल्कि स्किन केयर और नहाने के अनुष्ठानों में भी होता है.
काला नमक
आयुर्वेद में काला नमक अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. आयरन, पोटैशियम और अन्य खनिजों से भरपूर यह नमक पाचन समस्याओं, गैस और एसिडिटी को दूर करने में सहायक है. इसका हल्का तीखा स्वाद फल चाट और सलाद जैसे व्यंजनों के साथ अच्छा लगता है. काला नमक ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी सहायक माना जाता है. यह नमक पाचन को सुधारने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, वजन प्रबंधन में सहायक, और सांस संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करने में फायदेमंद होता है.
काला नमक के फायदे
– गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर कर पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.
– नियमित रूप से काला नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है.
– यह नमक शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर को डिटॉक्सिफाई किया जा सकता है.
– काला नमक मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है.
– आयुर्वेद के अनुसार, काला नमक अस्थमा और खांसी जैसी श्वास समस्याओं में फायदेमंद होता है.
सेंधा नमक के फायदे
– सेंधा नमक भी पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.
– काला नमक की तुलना में सेंधा नमक में आयोडीन कम होता है.
– सेंधा नमक का उपयोग सांस के रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. जिन लोगों को बहुत ज्यादा कफ होता है, वो अगर सुबह की पहली चाय में सेंधा नमक मिलाकर पिएं तो कफ आसानी से बाहर आ जाता है.
– सेंधा नमक हीड्रोस्कोपिक होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.
– यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे डिहाइड्रेशन को रोका जा सकता है.
– रॉक साल्ट मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द से राहत देने में सहायक माना जाता है.
काला नमक या सेंधा नमक, कौनसा है आपके लिए बेहतर
सेंधा नमक और काला नमक, दोनों में ही सोडियम की मात्रा कम होती है, इसलिए ये दोनों नमक सफेद नमक की तुलना में बेहतर विकल्प साबित होते हैं. क्योंकि अधिक सोडियम के सेवन से उच्च रक्तचाप, गुर्दे की बीमारी, स्ट्रोक और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. पर काला नमक को आप रोज के खाने में इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप इसे सलाद और चार्ट में इस्तेमाल करें, क्योंकि अगर आप रेगुलर इसे इस्तेमाल करेंगे तो आपका पाचन क्रिया ओवर एक्टिव हो सकता है, जिससे आपका पेट खराब हो सकता है. वहीं सेंधा नमक के इस्तेमाल से आपको ये दिक्कत नहीं होगी. इसलिए रोज के रोटी, दाल और सब्जी आदि में आप सेंधा नमक का इस्तेमाल करें तो, ये ज्यादा बेहतर होगा. इसके अलावा सेंधा नमक सभी आवश्यक ट्रेस खनिज प्रदान करता है और शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम में काफी सुधार करता है. यह हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ता है और बीमारियों को रोकने में मदद करता है. एक हेल्दी हार्ट और हेल्दी बॉडी के लिए आप इन दोनों नमक का सेवन कर सकते हैं.
Tags: Eat healthy, Health benefit
FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 14:39 IST
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