पिछले दो दशक में 6 करोड़ केस और हुई टीबी से 80 लाख मौतें भारत टीबी को लेकर डराने वाली खबर !

पिछले दो दशक में 6 करोड़ केस और हुई टीबी से 80 लाख मौतें भारत टीबी को लेकर डराने वाली खबर !

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पिछले दो दशक में 6 करोड़ केस और हुई टीबी से 80 लाख मौतेंभारत टीबी को लेकर डराने वाली खबर !

हमारे देश में काफी लंबे समय से टीबी को काफी बुरी खबर आ रही है , लेकिन अब टीबी को लेकर एक ऐसी स्टडी सामने आई है जो डरा देती है. Journal PLoS Medicine की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अनुमान है कि दो दशक तक साल 2021 से 2040 तक टीबी के 6 करोड़ केस और 80 लाख मौतें सामने आ सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार , भारत को इस बिमारी के चलते न सिर्फ जान का नुकसान होगा बल्कि माल का भी नुकसान होगा. सकल घरेलू उत्पाद (GDP ) को 146 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होने की संभावना है.

दो दशक में 6 करोड़ केस और 80 लाख मौतें...भारत में टीबी को लेकर डराने वाली स्टडी

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, यूके के रिसर्चर ने बताया कि इसके चलते कम आय वाले मिडिल क्लास परिवार ज्यादा संकट में होंगे . उनको स्वास्थ्य संबंधी बोझ झेलना पड़ सकता है, जबकि अमीर परिवारों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ सकता है.

आखिर क्या होती है टीबी:

Tuberculosis एक बैक्टीरिया से फैलने वाली बिमारी (Bacterial Disease) है. यह एक ऐसी बिमारी है जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर हवा में बैक्टीरिया फैल जाता है और इससे दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं. यह बिमारी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है , साथ ही यह फेफड़ों के साथ शरीर के बाकी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती है.

What is tuberculosis? know its causes symptoms and treatment-तीन हफ्तों ...

इस बिमारी को शुरू में ही कंट्रोल कर लिया जाए तो यह सही होने में ज्यादा समय नहीं लगाती है, लेकिन अगर पकड़ न की जाए तो यह मौत का कारण भी बन सकती है. इस बिमारी के सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, सीने में दर्द, बुखार और थकान शामिल हैं.

टीबी को आखिर कैसे कम किया जा सकता है

किसी व्यक्ति को टीबी की बीमारी है या नहीं इस केस का पता लगाने की दर में काफी सुधार हुआ है. वर्तमान समय में 63 प्रतिशत केस का अनुमान लगा लिया जाता है. रिसर्च में पाया गया है कि 95 प्रतिशत प्रभावी टीबी के इलाज के साथ ही मामले का पता लगाने से टीबी के बोझ को 78-91 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और आर्थिक बोझ को 124.2 बिलियन डॉलर तक कम किया जा सकता है.

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रिसर्चर ने बताया कि टीबी से लड़ने के लिए और इसको जड़ से खत्म करने के लिए साल 2000 से ही लगातार फंड जुटाए जा रहे हैं, लेकिन यह अभी भी ग्लोबल फाइनेंसिंग टारगेट से बहुत कम है. साथ ही रिसर्च में कहा गया है कि केस का जल्दी पता लगाने, बेहतर और लगातार दवा खाने, प्रभावी इलाज कराने से इस में सुधार हो सकता है.

रिसर्चर्स की राय क्या है ?

रिसर्च के लिए रिसर्चर्स ने एक मॉडल तैयार किया था जिसमें भारत में टीबी के आर्थिक, स्वास्थ्य और जनसंख्या पर होने वाले प्रभाव की रिसर्च की गई. रिसर्चर्स ने बताया की , हमने इस बात का अनुमान लगाया है कि, 2021 से 2040 तक, भारत में टीबी के स्वास्थ्य और व्यापक आर्थिक बोझ में 62.4 मिलियन से अधिक का खर्च आएगा, 80 लाख टीबी से संबंधित मौतें और 146.4 बिलियन GDP का नुकसान होगा.

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