बिना दवा के भी इन 12 जड़ी-बूटियों से ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सकता है,आयुर्वेद के अनुसार जानें!
डायबिटीज मरीजों के लिए हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण है. खबर में जानिए कैसे नेचुरल तरीके से इसे कंट्रोल कर सकते हैं…
भारत समेत पूरी दुनिया में डायबिटीज की बीमारी से लाखों लोग पीड़ित हैं और यह बीमारी खतरनाक दर से बढ़ रही है. मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है. डायबिटीज दो प्रकार होते हैं- टाइप 1 डायबिटीज जिसमें शरीर इंसुलिन का प्रोडक्शन नहीं करता है और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध होता है जिसका मतलब है कि उनका शरीर इंसुलिन तो बनांता है, लेकिन इसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता .
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि कुछ आहार और जीवनशैली में बदलाव करके डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है. इस खबर में कुछ नेचुरल घरेलू उपचार दिए गए हैं जो आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में आपकी मदद कर सकते हैं…
कई शोधों और आयुर्वेद के हिसाब से ,मेथी, काली मिर्च, दालचीनी से लेकर अदरक समेत आप कई अन्य जड़ी-बूटियां ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में कर सकते हैं…
अदरक:
नियमित रूप से अदरक का सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और इंसुलिन को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है. अदरक का छोटा सा टुकड़ा लें और इसे सॉस पैन में एक कप पानी के साथ उबालें. 5 मिनट तक उबालें और छान लें. इसे रोजाना 1 से 2 बार पिएं.
नीम:
नीम की कड़वी पत्तियां मधुमेह के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है क्योंकि वे Flavonoids, Triterpenoids, Anti-Viral Compounds और Glycosides से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं. नीम का पाउडर बनाने के लिए, कुछ सूखे नीम के पत्ते लें और उन्हें ब्लेंडर में डालकर चिकना होने तक पीस लें. अधिकतम लाभ के लिए आप इस पाउडर का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं.
जामुन के बीज:
जामुन में Hypoglycemic गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड में शर्करा को कम करने की क्षमता रखते हैं. एक गिलास पानी में एक चम्मच कुचले हुए जामुन के बीज का पाउडर डालें. अच्छी तरह से हिलाएं और इसे नियमित रूप से खाली पेट पिएं
मेथी पाउडर:
मेथी का उपयोग मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार करने, ब्लड शुगर लेवल को कम करने, ग्लूकोज पर निर्भर इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करने के लिए भी किया जा सकता है. यह टाइप 1 और टाइप 2 दोनों प्रकार के मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है. इसके लिए दो चम्मच मेथी के बीज रात भर पानी में भिगोएं और सुबह खाली पेट बीजों के साथ पानी पिएं. ऐसा रोजाना करने से लाभ मिल सकता है.
आम के पत्ते:
ताजे आम के पत्तों से बनी चाय पीना मधुमेह रोगियों के लिए जादुई रूप से काम करता है.आम के कुछ पत्तों को कम से कम 15 मिनट तक उबालें और छान लें. इस चाय को खाली पेट पिएं.
करेला जूस:
करेले में Carotene और Momordicinनामक दो बहुत ही आवश्यक यौगिक होते हैं, जिनमें ब्लड शुगर को कम करने के गुण होते हैं. हर सुबह खाली पेट करेले का जूस पिएं. इसके अलावा, आप इसके लाभों को पाने के लिए अपने आहार में प्रतिदिन करेले से बनी एक डिश शामिल कर सकते हैं.
करी पत्ता:
करी पत्ते खाने से आपके शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता कम होगी और ब्लड शुगर लेवल को कम हो सकता है. इसके लिए करी पत्तों को रोजाना चबा सकते हैं या आप इसे अपने पसंदीदा व्यंजनों और सलाद में शामिल कर सकते हैं.
एलोविरा:
Phytosterols से भरपूर एलोवेरा ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. तुरंत परिणाम के लिए दिन में दो बार एक कप बिना चीनी वाला एलोवेरा जूस पिएं.
काली मिर्च:
काली मिर्च में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण रासायनिक तत्व Black Pepper, Lower Blood Sugar Levels को कम कर सकता है और स्पाइक्स को कम कर सकता है. यह पाचन में भी सुधार करता है, जिससे बेहतर ग्लूकोज-इंसुलिन संतुलन होता है. अपने ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए, आप खाली पेट या रात के खाने से 1 घंटे पहले 1 काली मिर्च को 1 चम्मच हल्दी के साथ पीसकर खा सकते हैं.
हल्दी:
प्राचीन काल से ही हल्दी का उपयोग इसके औषधीय उपयोगों के लिए किया जाता रहा है. यह एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में मसाले के रूप में किया जाता है. इसका सबसे सक्रिय घटक जो की कर्क्यूमिन है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी मदद करता है. यह बीटा कोशिकाओं (अग्न्याशय में उत्पादित कोशिकाएं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार होती हैं) के बेहतर कामकाज में सहायता करती है. हल्दी सूजन, इंसुलिन प्रतिरोध और लीवर द्वारा उत्पादित ग्लूकोज की मात्रा को भी कम करती है.
जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे:
Gymnema Sylvestre एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. इसे हिंदी में ‘गुड़मार’ या ‘शर्करा नाशक’ के रूप में जाना जाता है, और माना जाता है कि यह शरीर को शुगर और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करता है. जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे को इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और मिठाई के लिए लालसा को कम करने के लिए भी दिखाया गया है.
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