MSME sector को नई दिशा देने की तैयारी, मुख्यमंत्री ने की समीक्षा!
05 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: एमएसएमई सेक्टर को नई दिशा देने की तैयारी, मुख्यमंत्री ने की समीक्षा – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की समीक्षा करते हुए राज्य में छोटे उद्योगों के विकास के लिए योजनाओं को एकसमान और प्रभावी बनाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों के तहत चल रहे लघु उद्योगों को एक ही छत के नीचे लाने और योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है, ताकि निवेशकों और उद्यमियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने स्किल्स बैंक बनाने के भी निर्देश दिए, जिससे प्रदेश में उद्योगों को प्रशिक्षित वर्कफोर्स आसानी से मिल सके। बैठक में एमएसएमई मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के दौरे के दौरान उन्हें उद्यमियों द्वारा आंतरिक सड़कों की मरम्मत खुद करवाने की जानकारी मिली थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने उद्योग और एमएसएमई विभाग को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में पेयजल, सीवरेज और भूमि विकास जैसी जरूरी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि उद्यमियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
व्यापार मेलों से बढ़ा कारोबार
बैठक के दौरान बताया गया कि ग्वालियर और उज्जैन में आयोजित व्यापार मेलों से इस वर्ष 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ। इन मेलों की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अन्य शहरों में भी इसी तर्ज पर व्यापार मेलों का आयोजन किया जाए, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिल सके।
स्टार्टअप्स को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए भी कदम उठाने की बात कही। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 4,500 से अधिक स्टार्टअप्स और 70 इनक्यूबेटर स्थापित हैं। इनमें से 2,168 स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं। राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे भारत सरकार की स्टार्टअप रैंकिंग में मध्यप्रदेश को लीडर श्रेणी में स्थान मिला है।
MSME sector में सुधार
बैठक में बताया गया कि MSME सेक्टर में सरकार द्वारा 850 इकाइयों को 275 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, पावरलूम, गारमेंट्स, टैक्सटाइल, फार्मा, फर्नीचर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी विशेष काम शुरू किए गए हैं। राज्य के 5 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 291 भूखंडों का विकास किया जाएगा, जबकि 6 औद्योगिक क्षेत्रों का उन्नयन होगा।
मुख्यमंत्री ने छोटे उद्योगों के विकास और प्रोत्साहन के लिए योजनाओं की नियमित समीक्षा करने और उद्यमियों को जरूरी अनुमतियां देने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश भी दिए।
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