पिछले काफी दिनों से निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनातनी जैसी स्थिति बनी हुई है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या की जांच में एक नया मोड़ तब आया, जब कनाडा की पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जोडी थॉमस (Jody Thomas) ने बताया कि प्रारंभिक खुफिया जानकारी और पुलिस जांच से पता चला है कि यह हत्या रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी, जिस पर 1985 में एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट में शामिल होने का आरोप था.
जॉडी थॉमस, पिछले साल सरे में निज्जर की हत्या के समय एनएसए थीं. वो कनाडा की विदेशी हस्तक्षेप जांच के समक्ष पेश हुईं और उन्होंने दावा किया कि कनाडाई सिख समुदाय के कुछ सदस्य इससे संतुष्ट नहीं थे कि निज्जर की हत्या मलिक की हत्या का बदला थी.
जोडी थॉमस ने कहा, “यह (निज्जर की हत्या) उसी गुरुद्वारे में दूसरी हाई-प्रोफाइल हत्या थी. मलिक की हत्या करीब एक साल पहले ही हुई थी. शुरुआती अनुमान था कि यह प्रतिशोध था लेकिन समुदाय ने इस पर चिंता जताई थी.”
कब हुई थी मलिक की हत्या?
1985 में एयर इंडिया कनिष्क में हुए आतंकी हमले में बरी हुए सिख कार्यकर्ता रिपुदमन सिंह मलिक की 15 जुलाई, 2022 को सरे (Surrey) में गोली मारकर हत्या कर दी गई. मलिक की मौत खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता निज्जर द्वारा उनके खिलाफ सार्वजनिक रूप से बदनाम करने के अभियान के बाद हुई, जिसने उन्हें देशद्रोही करार दिया था और उनके सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया था.
हालांकि, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, आगे की खुफिया जानकारी से संकेत मिला कि निज्जर की हत्या एक एक्स्ट्रा-जुडिशियल हत्या हो सकती है. थॉमस ने कहा, “बहुत अच्छी खुफिया जानकारी और पुलिसिंग के काम से हमें पता चला कि इस बात की बहुत ज्यादा संभावना थी कि यह एक एक्स्ट्रा-जुडिशियल हत्या थी.”
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2022 में मलिक की हत्या के जवाब में भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि यह अलगाववादी ताकतों से जुड़ी एक व्यापक साजिश का हिस्सा था, जिसे संभवतः पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन मिला था. उन्होंने यह भी कहा कि हत्या में निज्जर की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. थॉमस की गवाही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की उसी आयोग के समक्ष पेशी के साथ हुई, जहां उन्होंने भारत पर कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. जवाब में, विदेश मंत्रालय ने फिर से कहा कि कनाडा ने भारत को आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया है.
भारत का ट्रूडो सरकार के प्रति सख्त रुख
भारत ने कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए ट्रूडो सरकार की लगातार आलोचना की है. पिछले साल संसद में ट्रूडो के इस विस्फोटक दावे के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था कि निज्जर की मौत में भारतीय एजेंट शामिल थे. भारत ने आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया.
(रिपोर्ट- देविका भट्टाचार्या)
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