उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहराइच दंगे को लेकर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई. इस दौरान बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश, एसीएस होम दीपक कुमार और होम सेक्रेटरी संजीव गुप्ता मौजूद रहे. लगभग आधे घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने बहराइच में हुए दंगे और उस दौरान बरती गई लापरवाहियों पर अधिकारियों से गहन जानकारी ली.
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दंगे के दौरान पुलिस अफसर दंगों को नियंत्रित करने में असफल क्यों रहे, साथ ही यह भी बताया गया है कि घटनास्थल पर देर से पहुंचने वाले अधिकारी कौन थे और मौके से पुलिस फोर्स लेकर कुछ अधिकारी 2 किलोमीटर दूर क्यों खड़े थे? एक अहम सवाल यह भी था कि जब फसाद शुरू हुआ तो एक अधिकारी दुकान में छिपकर क्यों बैठ गया?
यह भी पढ़ें: ‘घर में सयानी बेटियां, अब कहां जाएं…’, बहराइच में 23 मकान खाली करने के नोटिस से दहशत में लोग, भेदभाव के लग रहे आरोप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया गया कि बहराइच के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में दंगे के दौरान पुलिस फोर्स पर्याप्त नहीं था. इस पर सवाल उठाए गए कि क्या पहले से सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे, और अगर थे तो उन्हें सही तरीके से लागू क्यों नहीं किया गया?
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बहराइच दौरे के दौरान की स्थिति का ब्योरा मुख्यमंत्री को दिया. उन्होंने बताया कि दंगे के दौरान वहां के हालात कैसे थे और क्या कदम उठाए गए. उनके द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर मुख्यमंत्री ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री को बहराइच में पीडब्ल्यूडी द्वारा लगाए गए नोटिस और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के इंतजाम के बारे में भी जानकारी दी गई. बैठक के बाद यह संकेत मिले हैं कि अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है.
बहराइच में कब और कैसे हुई हिंसा?
बता दें कि बीते रविवार की शाम करीब छह बजे बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव का रहने वाला 22 साल का रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस में आगे-आगे चल रहा था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई.
देखते ही देखते ये कहासुनी बवाल में बदल गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस बीच जो गोलीबारी हुई, उसमें रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे बहराइच मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उसने दम तोड दिया. रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल और अधिक उग्र हो गया.
Discover more from News Piller
Subscribe to get the latest posts sent to your email.