बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बनने की राह पर.. बांगलादेश ने उठाया गलत कदम !
BANGLADESH NEWS: 1971 में इस वक्त बांग्लादेश की आज़ादी के लिए जंग लड़ी जा रही थी. पूरा ईस्ट पाकिस्तान आज़ादी के लिए लड़ रहा था लेकिन 64 साल बाद फिर से बांग्लादेश पाकिस्तान की शक्ल लेता जा रहा है. पहले पाकिस्तानी जमात ने शेख हसीना की सरकार गिरवाई . भारत के साथ दुश्मनी बढ़वाई और अब पाकिस्तान फिर से बांग्लादेश को अपने गिरफ़्त में लेना शुरू कर चुका है
. पाँच साल से जो इस्लामाबाद से ढाका की सीधी फ्लाइट बंद थी. वो अब फिर से बहाल करने का एलान कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिश्नर ने इस बात का एलान किया है.
कि जल्द पाकिस्तान और बांगलादेश के बीच सीधी फ्लाइट शुरू होगी. फिलहाल इस्लामाबाद, लाहौर, पेशावर, मुल्तान और कराची से ढाका के लिए एक स्टाप के साथ फ्लाइट जाती है. यही नहीं वो तो पाकिस्तान को अपने यहाँ सालान ट्रेड एग्जिबिशन में भी न्योता दे चुके है जो कि अगले साल जनवरी में शुरू होने जा रहा है. उसके लिए बाकायदा बांग्लादेश के मोहम्मद यूनिस की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के वीज़ा में भी छूट देने का एलान कर दिया है.
चीनी जहाज से बांगलादेश पहुंचा पाकिस्तानी सामान
चीन और पाकिस्तान ऑल वेदर फ्रेंड के लिए इस वक्त बांग्लादेश एस सबसे बड़ा जरिया है भारत को घेरने का. तभी तो पिछले महीने वो हुआ जो कि 53 साल में कभी नहीं हुआ. पाकिस्तान से एक पनामा फ़्लैग कार्गों शिप जिसे चीनी ऑपरेट करते हैं वो बांग्लादेश के चिटगाँव पोर्ट पर जा पहुँचा. इससे पहले पाकिस्तान से आने वाला कार्गो शिप कभी सीधा नहीं आया. वो किसी तीसरे देश मसलन श्रीलंका, सिंगापुर या मलेशिया में सामान को ऑफ लोड करता था.
और फिर दूसरे जहाज से बांग्लादेश पहुंचता था. लेकिन अब सब कुछ डायरेक्ट हो रहा है. मोहम्मद यूनुस की दरियादिली ऐसी की पाकिस्तान से आने वाले सामान के इंस्पेक्शन से भी छूट दे दी. अब उन कंटेनरों में पाकिस्तान से क्या आ रहा है वो सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश को ही पता है. हालात तो ऐसे हो गए कि बांगलादेश चीनी की खरीद लिए भारत नही बल्कि पाकिस्तान जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबित 25 हजार टन की खरीद पाकिस्तान से करने वाला है.
पाकिस्तान ने किया शेख हसीना का तख्ता पलट
बांग्लादेश में रिजीम चेंज ऑपरेशन में पाकिस्तान के हाथ होने की खबरे पुष्ट चुकी है कि कैसे ISI ने इस पूरे खेल को रचा. पाकिस्तान के दो टुकड़े होने के बाद से ही वो बांग्लादेश में उस दल को निशाना बनाने के लिए साज़िश रच रहा था. शेख़ हसीना की सरकार का पतन करा कर वो अपनी साज़िश में काफी हद तक सफल हो गया.
पाकिस्तान का कनेक्शन तो उस तस्वीर से साफ़ हो गया जब फादर ऑफ बांग्लादेश कहे जाने वाले मुजिबुर रहमान के स्टैच्यू को तोड़ दिया गया. प्रदर्शन छात्रों का था लेकिन कत्लेआम कोई और ही कर रहा था.
अब तो बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर जान की संकट है. पाकिस्तानी ISI ने सिर्फ जमात ए इस्लामी के ही हवा देनी नहीं शुरू किया बल्कि बाक़ी आतंकी संगठनों के साथ भी हाथ मिला लिया. पाकिस्तान और बांगलादेश के बीच प्यार और व्यापार दोनों ही भारत के लिए चिंता की बात है.
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