अमेरिका जो आइलैंड शेख हसीना से मांग रहा था ,वहां भारत के खिलाफ ऐसा क्या हुआ? की दहल गई थी RAW-IB!

अमेरिका जो आइलैंड शेख हसीना से मांग रहा था ,वहां भारत के खिलाफ ऐसा क्या हुआ? की दहल गई थी RAW-IB!

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अमेरिका जो आइलैंड शेख हसीना से मांग रहा था ,वहां भारत के खिलाफ ऐसा क्या हुआ? की दहल गई थी RAW-IB!

अमेरिका जो आइलैंड शेख हसीना से मांग रहा था ,वहां भारत के खिलाफ ऐसा क्या हुआ? की दहल गई थी RAW-IB!

St. Martin’s Island: शेख हसीना ने कहा था कि अमेरिका उनसे सेंट मार्टिन द्वीप मांग रहा था. इस आइलैंड पर 20 साल पहले भी सुर्खियों में आया था. तब यहीं से भारत के खिलाफ खौफनाक साजिश रची गई थी.

शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने अमेरिका पर उनकी सरकार गिराने और तख्तापलट का बेहद गंभीर आरोप लगाया है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि अमेरिका उनसे St. Martin’s Island के लिए सौदेबाजी कर रहा था. उन्होंने अमेरिका की डिमांड पूरी नहीं की, इसलिए उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची गई.

शेख हसीना जिस St. Martin’s Island की बात कर रही हैं, वह बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्वी हिस्से में 3 किलोमीटर वर्ग क्षेत्रफल में फैला है और सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है.

अमेरिका, बांग्लादेश से सेंट मार्टिन आइलैंड (St. Martin’s Island) इसलिए चाहता था, ताकि हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके. वह St. Martin’s Island पर अपना बेस बनाकर चीन, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान पर एक साथ नजर रख सकता था. यह पहला मौका नहीं है जब सेंट मार्टिन आइलैंड सुर्खियों में है.

20 साल पहले इसी आइलैंड से भारत के खिलाफ खौफनाक साजिश रची गई थी.

20 साल पहले 2004 की वो खौफनाक साजिश:

साल 2004. का वो समय बांग्लादेश में खालिदा जिया (Khalida Ziya) की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात जैसी चार पार्टियों की गठबंधन सरकार थी. 1 अप्रैल 2004 को बांग्लादेश की सुरक्षा एजेसियों को खबर मिली कि Chittagong Urea Fertilizer Limited (CUFL) के कैंपस में कुछ बड़ा हो रहा है.

बांग्लादेश पुलिस और Coast Guard की टीम जब इस कंपनी के Dock में पहुंची तो उनके होश उड़ गए. वहां दस ट्रक खड़े थे और सबमें AK-47 से लेकर ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर जैसे हथियार भरे थे. बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार हथियारों का इतना बड़ा जखीरा पकड़ा गया था.

भारत के पूर्वोत्तर में लाए जा रहे थे हथियार:

Avinash Paliwal हाल ही में Penguin से प्रकाशित अपनी किताब ‘India’s Near East: A New History’ (India’s Near East: A New History) में लिखते हैं कि चटगांव में 10 ट्रक अवैध हथियार पकड़े गए, वो पूर्वोत्तर भारत लाए जा रहे थे. मकसद था पूरे नॉर्थ-ईस्ट में तबाही मचाना. इस पूरे ऑपरेशन को खुद ULFA chief Paresh Barua ढाका के एक Safe House से मॉनिटर कर रहा था.

सेंट मार्टिन आइलैंड पर किस तरह हुई थी स्मलिंग!

पालीवाल लिखते हैं कि एक साथ इतनी भारी मात्रा में हथियारों को सुरक्षित रखना और Smuggling करना बहुत चुनौती वाला काम था. इन हथियारों को पहले St. Martin’s Island पर फेरी के जरिए लाया गया. फिर वहां से चटगांव स्थित Urea Fertilizer Company में लाकर छुपाया गया.

St. Martin’s Island पर जिस फेरी से हथियार लाए गए थे, वह BNP leader और खालिदा जिया के सलाहकार सलाउद्दीन कादर चौधरी का था. साल 1971 में जब बांग्लादेश अलग मुल्क बना था, तभी से उन्हें ISI का एजेंट माना जाता था.

भारत ने सौंपी थी लिस्ट!

चटगांव में इतने बड़े पैमाने पर हथियार मिलने से भारत की Security Agencies के भी होश उड़ गए. भारत की खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गईं. बाद में पता चला कि सलाउद्दीन कादर चौधरी, पाकिस्तान के इशारे पर पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों को हथियार पहुंचाने में मदद कर रहे थे. Paliwal अपनी किताब में लिखते हैं

कि Khaleda Zia की उस सरकार में पूर्वोत्तर भारत में बड़े पैमाने पर उग्रवाद और हिंसा शुरू हो गई. Khaleda Zia के बेटे तारिक रहमान का इसमें बड़ा रोल था.

इसी दौरान भारत ने अमेरिका के सहयोग से एक बांग्लादेश में भारत के खिलाफ ऑपरेट होने वाले 148 कैंप की एक लिस्ट Khaleda Zia सरकार को सौंपी. उनपर कार्रवाई की मांग की. हालांकि कुछ समय बाद ही ढाका ने कहा कि हमने चेक कर लिया है, हमारे यहां कोई कैंप नहीं हैं. इसके बाद भारत खुफिया ऑपरेशन शुरू किया.

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