सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत एक खास बदलाव के बारे में विचार कर रही है. इस संगठन के तहत आने वाले स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में टैक्स फ्री योगदान की सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार कर रही है. मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये से अधिक अर्जित कोई भी ब्याज टैक्स के तहत आता है. इस पहल का उद्देश्य निम्न-मध्यम और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को EPFO के माध्यम से अपनी बचत बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इससे रिटायरमेंट मे लिए ज्यादा फंड जुटाने में मदद मिलेगी.
बिजनेस टुडे पर छपी खबर इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के तहत मामले से परिचित सूत्रों ने संकेत दिया है कि श्रम मंत्रालय वर्तमान में इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है और वित्त वर्ष 2026 के बजट विचार-विमर्श के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर सकता है.
स्वैच्छिक भविष्य निधि क्या है?
VPF वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा अनिवार्य ईपीएफ के अतिरिक्त किया जाने वाला एक वैकल्पिक निवेश है. इसे EPF के विस्तार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट सेविंग बढ़ाने और अपने मूल PF जमा के समान ब्याज दर अर्जित करने की अनुमति देता है. EPF की तरह, VPF में योगदान भी चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से बढ़ता है, क्योंकि रिटर्न सालाना आधार पर जारी किया जाता है. यह भी ईपीएफओ के तहत ही आता है.
VPF कस्टमर्स के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि पांच साल की न्यूनतम अवधि पूरी करने से पहले की गई कोई भी निकासी टैक्सेशन के अधीन हो सकती है. ईपीएफ की तरह, VPF फंड रिटायरमेंट, इस्तीफे या खाताधारक की मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर उनके नामित व्यक्ति को दिए जाते हैं.
ज्यादा योगदान EPF के समान ही मिलता है ब्याज
VPF की एक खासियत ये भी है कि यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना है, जिसमें जोखिम कम और रिटर्न ज्यादा है. इसमें किया जाने वाला योगदान किसी कर्मचारी द्वारा उसके ईपीएफओ अकाउंट में किए गए 12 प्रतिशत योगदान से ज्यादा है. अधिकतम योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100 प्रतिशत तक है. इस योजना के तहत ईपीएफ के समान ही ब्याज मिलता है.
कितने अमाउंट पर टैक्स फ्री
स्वैच्छिक योगदान पर 2.5 लाख रुपये की सीमा वित्त वर्ष 22 के बजट में पेश की गई थी, ताकि उच्च आय वाले कर्मचारियों को बैंक या सावधि जमा द्वारा दिए जाने वाले ब्याज से अधिक टैक्स फ्री ब्याज अर्जित करने के लिए सुविधा का उपयोग करने से रोका जा सके. यह कदम उच्च आय वाले कर्मचारियों के लिए था, जो इस सुविधा का उपयोग बैंक या सावधि जमा पर मिलने वाले ब्याज से अधिक टैक्स-फ्री ब्याज अर्जित करने के लिए कर रहे थे.
EPFO के तहत 20 लाख करोड़ फंड
ईपीएफओ में औसतन 70 मिलियन मासिक अंशदाता, 7.5 मिलियन से अधिक पेंशनभोगी और 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंड है. ईपीएफओ कर्मचारियों को स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) का विकल्प चुनकर अधिक योगदान करने की अनुमति देता है. कोई कर्मचारी अपने नियोक्ता से अनिवार्य 12% अंशदान से अधिक कटौती करने का अनुरोध कर सकता है. VPF में अधिकतम अंशदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% तक हो सकता है, जिसमें मूल अंशदान के समान ब्याज दर होगी.
आम तौर पर VPF छूट-छूट-छूट टैक्स कैटेगरी में आता है. इसका मतलब है कि योगदान, ब्याज और परिपक्वता आय सभी कर-मुक्त हैं. हर वित्तीय वर्ष 1.5 लाख रुपये तक का ईपीएफ योगदान पुरानी कर व्यवस्था की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए योग्य है. कर्मचारी अतिरिक्त टैक्सेस का सामना किए बिना वीपीएफ में सालाना 2.5 लाख रुपये तक का योगदान कर सकते हैं. भविष्य निधि से निकासी और परिपक्वता राशि भी करों से मुक्त है.
VPF ब्याज दरें
ईपीएफओ वित्त वर्ष 78 से 8% से अधिक ब्याज दर की पेशकश कर रहा है, जो वित्त वर्ष 90 में 12% के शिखर पर पहुंच गया और वित्त वर्ष 2000 तक 11 वर्षों तक उस स्तर को बनाए रखा. पीएफ बचत पर ब्याज दर वित्त वर्ष 22 के लिए 8.10%, वित्त वर्ष 23 के लिए 8.15% और वित्त वर्ष 24 के लिए 8.25% थी.
ईपीएफ और वीपीएफ में बचत
EPFO और VPF में प्रति माह 20,833 रुपये का निवेश करके 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष जमा करेंगे. वहीं 8.25% की वार्षिक ब्याज दर पर आप 30 वर्ष की अवधि में लगभग 3.3 करोड़ रुपये जमा कर सकते हैं.
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