‘मैं सलीम-जावेद को राइटर ही नहीं मानता, सारी जिंदगी चीजें कॉपी कीं’
अमित आर्यन ने कहा, ‘पहली बात तो ये कि मैं सलीम-जावेद को राइटर ही नहीं मानता। लेकिन ये भी एक बहुत कॉन्ट्रोवर्शियल बात है। लेकिन जिसको सारी दुनिया सलाम करती है, मैं तो उन दोनों को राइटर ही नहीं मानता। हैं ही नहीं वो दोनों राइटर। उन दोनों ने अपनी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ कॉपी की हैं चीजें। सलीम-जावेद कॉपीराइटर हैं, राइटर नहीं। क्यों? उसकी वजह है, चलिए बताता हूं।’
‘शोले’ की कहानी ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी
उन्होंने आगे बताया, ‘उनकी फिल्म ‘शोले’ आई थी, जिसकी कहानी एक आदमी के बारे में है। उसके हाथ डाकू ने काट दिए हैं। उसकी फैमिली को मार दिया था, तो उसे बदला लेना है। वो एक आदमी की मदद से बदला लेना चाहता है। यह फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी और इसके ठीक पहले ‘मेरा गांव मेरा देश’ नाम की एक फिल्म आई थी। विनोद खन्ना ने डाकू का किरदार निभाया था और उनका नाम जब्बर सिंह था।’
”दो आंखें बारह हाथ’ और ‘सेवेन समुराई’ से एक-एक सीन कॉपी किया’
अमित आर्यन आगे बोले, ”शोले’ में ये गब्बर सिंह बने। वहां जयंत ने एक आर्मी अफसर का किरदार निभाया था और यहां वह एक पुलिसवाले का किरदार निभा रहे थे। वहां तो सिर्फ एक हाथ कटा था, यहां उसके दोनों हाथ कटे थे। वहां धर्मेंद्र ने बदला लिया, यहां अमिताभ बच्चन थे।’ अमित आर्यन ने कहा कि ‘शोले’ की कहानी ‘दो आंखें बारह हाथ’ और ‘सेवन समुराई’ के एक-एक सीक्वेंस से कॉपी की गई।
‘दीवार’ को बताया ‘गंगा जमुना’ की कॉपी
अमित आर्यन ने आगे सलीम-जावेद की फिल्म ‘दीवार’ का उदाहरण दिया और कहा कि उसका क्लाइमैक्स दिलीप कुमार की फिल्म ‘गंगा जमुना’ से मिलता था। अमित आर्यन के मुताबिक, सलीम खान और जावेद अख्तर ने अपनी खुद की फिल्म ‘शक्ति’ तक को कॉपी किया। वो जानते थे कि बिजनेस कैसे करना है। वो माल अच्छा बेच लेते थे। राइटर तो बिल्कुल नहीं थे।
Discover more from News Piller
Subscribe to get the latest posts sent to your email.