खाने के तेल पर सरकार ने बढ़ाई कस्टम ड्यूटी,प्याज को लेकर भी सरकार का बड़ा ऐलान!

खाने के तेल पर सरकार ने बढ़ाई कस्टम ड्यूटी,प्याज को लेकर भी सरकार का बड़ा ऐलान!

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खाने के तेल पर सरकार ने बढ़ाई कस्टम ड्यूटी,प्याज को लेकर भी सरकार का बड़ा ऐलान!

खाने के तेल पर सरकार ने बढ़ाई कस्टम ड्यूटी,प्याज को लेकर भी सरकार का बड़ा ऐलान!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में खाने के तेलों और अन्य कृषि उत्पादों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इन बदलावों से खाद्य तेलों पर custom duty में बड़ा इजाफा देखने को मिला है, जबकि प्याज और बासमती चावल के निर्यात पर टैक्स घटाया गया है।

खाने के तेल पर कस्टम ड्यूटी में काफी बढ़ोतरी हुई:

सरकार ने crude और refined oil पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। यह निर्णय सूरजमुखी के तेल, पाम ऑयल और सोयाबिन ऑयल पर लागू होगा। अब crude Oil पर कस्टम ड्यूटी को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। वहीं, रिफाइंड तेलों पर कस्टम ड्यूटी को 32.5% तक बढ़ा दिया गया है। फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए

नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नई कस्टम ड्यूटी दरें आज, 14 सितंबर 2024 से लागू हो गई हैं। इसके साथ ही, क्रूड तेल पर प्रभावी शुल्क 5.5% से बढ़कर 27.5% हो जाएगा, जबकि रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.75% से बढ़कर 35.75% हो जाएगा।

बढ़ी हुई ड्यूटी का दिखा प्रभाव:

कस्टम ड्यूटी में इस इजाफे का असर खाने के तेलों की कीमतों पर पड़ सकता है, जो अंततः उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाल सकता है। इससे खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो आम लोगों के लिए महंगाई का कारण बन सकती है।

प्याज पर मिली राहत भरी खबर:

खाने के तेलों पर custom duty बढ़ाने के साथ ही सरकार ने प्याज के निर्यात को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया है। प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price, MEP) को हटा दिया गया है और प्याज पर लगने वाली एक्सपोर्ट ड्यूटी को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है।

इस निर्णय से प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और इससे घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में कमी आ सकती है। सरकार का यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।

बासमती चावल पर भी बदलाव:

इसके अलावा, सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर भी न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटा दिया है। यह निर्णय बासमती चावल की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। इससे बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि हो सकती है और भारतीय चावल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर स्थिति मिल सकती है।

किसानों को भी होगा लाभ:

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकती है। इससे तेल बीज उत्पादक किसानों को बेहतर कीमत मिल सकती है। इसके साथ ही, प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने से किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा। यह कदम घरेलू कृषि उत्पादों की मांग और निर्यात को बढ़ावा देगा, जिससे किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल सकेगा।

सरकार ने इन निर्णयों को माना उद्देश्य:

सरकार के इन निर्णयों का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादों के मूल्य में स्थिरता बनाए रखना और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। इन उपायों से भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा और घरेलू बाजार में वस्तुओं की कीमतों में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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