642 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां है सरकार की रडार पर,अब जांच होगी तेज !
Directorate General of GST Intelligence: ने संभावित टैक्स चोरी की जांच के लिए ऑनलाइन मनी गेमिंग में शामिल 642 ऑफशोर संस्थाओं की पहचान की है. इससे पहले जीएसटी विभाग ने 658 ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की पहचान गैर-पंजीकृत/गैर-अनुपालन वाली कंपनियों के रूप में की है.
DGGI ने की 642 ऑफशोर कंपनियों की पहचान, अब होगी कार्रवाई
सरकार की रडार पर 642 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां हैं जिनकी जांच अब जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) करेगी. DGGI ने संसद को सूचित किया कि ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश करने वाली 642 ऑफशोर कंपनियों की पहचान जांच करने के लिए की गई है. ये पहचान टैक्स चोरी जैसे मामले पर लगाम लगाने के लिए की गई है.
इस नियम के तहत होगी कार्रवाई:
जिन ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं को जांच के दौरान गैर-उत्तरदायी और असहयोगी पाया गया है, उन्हें IGST Act, 2017 की धारा 14a(3) के प्रावधानों के अनुसार उनकी वेबसाइट/यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को सूचित किया गया है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा, “DGGI का विदेशी सरकारों के साथ कोई पारस्परिक समझौता नहीं है. हालांकि, ऑनलाइन मनी गेमिंग/सट्टेबाजी/जुआ प्रदान करने वाली 642 अपतटीय संस्थाओं की जांच के लिए अब तक पहचान कर ली गयी है
82,000 करोड़ की चोरी :
वहीं, बीते सितंबर महीने में जीएसटी विभाग ने 658 ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की पहचान Non-Registered/Non-Compliantवाली कंपनियों के रूप में की है. तब 167 URL/वेबसाइटों को ब्लॉक करने की सिफारिश की गई थी. वहीं, DGGI ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि असली मनी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां सबसे अधिक टैक्स की चोरी करती पाई गयी हैं. वित्त वर्ष 2024 में इन कंपनियों की 82,000 करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी गई.
तब DGGI की वार्षिक रिपोर्ट कहा गया था कि विभाग ने 118 घरेलू ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है और 34 करदाताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें 1,10,531.91 करोड़ रुपये की कर राशि शामिल है. विभाग का कहना था कि ऑफशोर गेमिंग कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाना एक चुनौती है.
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