विदेशी धरती पर राहुल गांधी गिरा रहे देश और प्रधानमंत्री का मान ,बोले-“BJP को भारत की समझ नहीं “!

विदेशी धरती पर राहुल गांधी गिरा रहे देश और प्रधानमंत्री का मान ,बोले-“BJP को भारत की समझ नहीं “!

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विदेशी धरती पर राहुल गांधी गिरा रहे देश और प्रधानमंत्री का मान ,बोले-“BJP को भारत की समझ नहीं “!

विदेशी धरती पर राहुल गांधी गिरा रहे देश और प्रधानमंत्री का मान ,बोले-“BJP को भारत की समझ नहीं “!

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी,जो इस समय अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं,जहां वे भारत देश को एक भाषा ,जात पात के आधार पर देश में आग ……

Washington:कांग्रेस सांसद राहुल गांधी,जो इस समय अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं,जहां वे भारत देश को एक भाषा ,जात पात के आधार पर देश में आग लगाने का काम कर रहे है आखिर विदेश में जाकर भारत के प्रति अपनी हिन् भावना दिखा वे कोण सा चुनाव जितना चाहते है “राहुल गाँधी का एक विवादित बयान आपको याद होगा जिसमे उन्होंने कहा था की “देश में केरोसिन छिड़का जा चूका है “ इस तरह का विवादित बयान दिया था राहुल के मन में घृणा का स्तर इतना गिरा हुआ है की नरेंद्र मोदी को निचा दिखाने के लिए व् प्रधानमंत्री बनने की लालसा में विदेश में जाकर अपने ही देश को निचा दिखाना आखिर करना क्या चाहते है ,

आखिर राहुल गाँधी के साथ कांग्रेस के कई नेता विदेश क्या करने गए है राहुल गाँधी का चीन के प्रति नरम रवैया ,क्या दर्शाता है “क्या अपने कभी सोचा की राहुल गाँधी सिर्फ

अडानी ,अम्बानी ,टाटा इन सभी में से अडानी को ही टारगेट क्यों करते है इसका कारण है की अडानी राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर बड़े बड़े प्रोजेक्ट पर काम करते है जिसके कारण चाइना की कंपनी को वे प्रोजेक्ट नहीं मिल पाते ,राहुल गाँधी की सोच ये है की अडानी पर निशाना साधो ताकि लोगो का भरोसा उठे अडानी की जगह देश में चीन की कंपनी का कब्ज़ा हो जाये

भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सोमवार को वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है।

जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।” राहुल गाँधी ये बताये की ये बयान क्या RSS और बीजेपी ने दिया था

 

” राहुल ने वहां पहली पंक्ति में दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति से पूछा, ‘‘मेरे पगड़ीधारी भाई आपका क्या नाम है।” कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। आखिर ये पूछकर क्या करना चाहते है किस तरह की हिन् भावना लोगो के मन में डालना चाहते है

ये वही कांग्रेस है जिसने सिखो को मारा ,दूसरी तरफ वे कहते है की लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है।” राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं।

भारत को बताया निष्पक्ष जगह

उन्होंने RSS की नीतियों और भारत के संदर्भ में उसके दृष्टिकोण की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘…RSS की यह विचारधारा है कि तमिल, मराठी, बांग्ला, मणिपुरी, ये सभी तुच्छ भाषाएं हैं। लड़ाई इसी बात की है।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लड़ाई इस बारे में भी है कि हम किस प्रकार का भारत चाहते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आप चाहे किसी भी क्षेत्र से हों, ‘‘आप सभी का अपना इतिहास है, आप सभी की अपनी परंपरा है,

आप सभी की अपनी भाषा है और उनमें से प्रत्येक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि कोई अन्य।” राहुल ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और अभी ऐसा नहीं है। यहां विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।”

किसी बीमारी का इलाज नहीं कर रहे

राहुल ने कहा, ‘‘जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं। दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं। सचाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी भागीदारी करने में सक्षम नहीं है। भारत के हर एक ‘बिजनेस लीडर’ की सूची देखें। मैंने ऐसा किया है।

मुझे आदिवासी नाम दिखाओ। मुझे दलित नाम दिखाओ। मुझे OBC नाम दिखाओ। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत की आबादी का 50 प्रतिशत हैं। लेकिन हम बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘यही समस्या है। अब, यह (आरक्षण) एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।”

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