5 Trillion की GDP बनने के लिए पार किया देश ने बड़ा पहाड़, FDI सेआए 1 ट्रिलियन डॉलर!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को साल 2019-20 का बजट भाषण देते हुए कई बार देश को अगले पांच साल में ‘ 5Trillion dollars डॉलर इकोनॉमी’ यानी 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थवयवस्था बनाने की बात कहीं थी. तब कुछ लोगों ने इसपर सवाल उठाए थे, लेकिन अप्रैल 2000 के बाद से सकल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) इनफ्लो 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
इस ऐतिहासिक उपलब्धि को पहली छमाही के दौरान FDI मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 26% की बढ़ोतरी के साथ $42.1 बिलियन तक पहुंचने से बल मिला है. इस तरह की वृद्धि एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में भारत की बढ़ती अपील को दर्शाती है, जो एक सक्रिय नीति ढांचे, एक गतिशील कारोबारी माहौल और बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता से प्रेरित है.
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से हुआ काफी फायदा:
FDI ने पर्याप्त गैर-ऋण वित्तीय संसाधन प्रदान करके, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करके भारत के विकास में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है. “मेक इन इंडिया”, उदार क्षेत्रीय नीतियों और वस्तु एवं सेवा कर (GST) जैसी पहलों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जबकि प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और रणनीतिक प्रोत्साहन बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेशन को आकर्षित करना जारी रखते हैं.
एफडीआई इनफ्लो
बीते दशक (अप्रैल 2014 से सितंबर 2024) में, कुल एफडीआई इनफ्लो $709.84 बिलियन था, जो पिछले 24 वर्षों में कुल FDI INFLOW का 68.69% था. निवेश का यह मजबूत इनफ्लो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.
FDI के बढ़ने से हुआ काफी फायदा:
Competition and Innovation: विश्व प्रतिस्पर्धात्मक सूचकांक 2024 में भारत की रैंकिंग 2021 में 43वें से तीन पायदान ऊपर चढ़कर 40वें स्थान पर पहुंच गई. इसके अतिरिक्त, भारत को शीर्ष 50 देशों में 48वें सबसे नवीन देश के रूप में नामित किया गया, जिसने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2023 में 81वां स्थान हासिल किया, जो 2015 में अपने स्थान से एक महत्वपूर्ण सुधार दर्शाता है. ये रैंकिंग अपने नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बेहतर करने में देश की प्रगति को उजागर करती है.
Global Investment Status: ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 1,008 ग्रीनफील्ड परियोजना घोषणाओं के साथ भारत ग्रीनफील्ड परियोजनाओं का तीसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था. भारत में अंतर्राष्ट्रीय परियोजना वित्तीय सौदों की संख्या में भी 64% की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया. अंतर्राष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदों की संख्या के ये आंकड़े वैश्विक निवेश मंच पर भारत की बढ़ती प्रमुखता को रेखांकित करते हैं.
Improving business environment: भारत ने अपने कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने में उल्लेखनीय प्रगति की, विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर) 2014 में 142वें से बढ़कर 2020 में 63वें स्थान पर पहुंच गया, जो इसके बंद होने से पहले अक्टूबर 2019 में प्रकाशित हुआ था. पांच वर्षों में 79-रैंक की ये छलांग नियमों को सरल बनाने, नौकरशाही बाधाओं को कम करने और अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने, निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों को दर्शाती है.
Improvement in policies: FDI को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार ने एक निवेशक अनुकूल नीति बनाई है, जिसमें कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100% FDI के लिए खुले हैं. इसके साथ ही, स्टार्टअप और विदेशी निवेशकों के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए, एंजेल टैक्स को खत्म करने और विदेशी कंपनी की आय पर लगने वाली आयकर दर को कम करने के लिए आयकर अधिनियम, 1961 को 2024 में संशोधन किया गया है.
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