टैक्स चोरी रोकने के लिए इस सिस्टम का किया इस्तेमाल जायेगा,जीएसटी काउंसिल ने बनाया बेहतरीन प्लान!
GST Council ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए अहम कदम उठाते हुए कर चोरी की आशंका वाले कुछ वस्तुओं के लिए Track And Trace Mechanism को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत ऐसी वस्तुओं या पैकेट पर एक स्पेसिफिक मार्क लगाया जाएगा, ताकि सप्लाई चेन में उनका पता लगाया जा सके.
जहां एक ओर GST Council Meeting में कई मुद्दों को आगे के लिए टाल दिया गया. दूसरी ओर टैक्स चोरी को लेकर देश की वित्त मंत्री सहित देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्री काफी सजग और सतर्क भी दिखाई दिए. इस मीटिंग में टैक्स चोरी रोकने के लिए काफी गहन चर्चा हुई और ऐसा प्लान बनाया कि इस चोरी को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए. इसके लिए काउंसिल ने नए मैकेनिज्म वाले नए सिस्टम को मंजूरी दी है. जीएसटी चोरी को रोकने के लिए सामान या
उसके पैकेट पर एक यूनीक साइन लगाया जाएगा ताकि सप्लाई चेन में उसका पता लगाया जा सके. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर जीएसटी काउंसिल ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए किस तरह के मैकेनिज्म को मंजूरी दी है.
किस सिस्टम को मिली मंजूरी:
GST Council ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए अहम कदम उठाते हुए कर चोरी की आशंका वाले कुछ वस्तुओं के लिए Track And Trace Mechanism को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत ऐसी वस्तुओं या पैकेट पर एक Specific Mark लगाया जाएगा, ताकि सप्लाई चेन में उनका पता लगाया जा सके.
इसका उद्देश्य केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) अधिनियम, 2017 में धारा 148A के माध्यम से एक प्रावधान शामिल करना है, ताकि सरकार को टैक्स चोरी की संभावना वाले उत्पादों पर नजर रखने और पता लगाने (Track And Trace) के तंत्र को लागू करने के लिए सशक्त बनाया जा सके.
किस तरह काम करेगा सिस्टम:
वित्त मंत्रालय ने GST Council की 55वीं बैठक में लिए गए निर्णयों की के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सिस्टम विशिष्ट पहचान चिह्न पर आधारित होगी, जिसे उक्त वस्तुओं या उनके पैकेट पर चिपकाया जाएगा. इससे ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध होगा और आपूर्ति श्रृंखला में निर्दिष्ट वस्तुओं का पता लगाने के लिए तंत्र के कार्यान्वयन में मदद मिलेगी
इसमें कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं को ऑनलाइन मनी गेमिंग, OIDAR Services आदि जैसी ऑनलाइन सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में, आपूर्तिकर्ता को कर चालान पर अपंजीकृत प्राप्तकर्ता के राज्य का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज करना आवश्यक है और प्राप्तकर्ता के राज्य का ऐसा नाम IGST Act, 2017 की धारा 12(2)(बी) के प्रयोजन के लिए प्राप्तकर्ता के रिकॉर्ड में दर्ज पता माना जाएगा, जिसे CGST Rules, 2017 के नियम 46(F) के प्रावधान के साथ पढ़ा जाएगा.
कुछ प्रमुख फैसले भी हुए :
वस्तुओं पर GST rate के बारे में लिए गए निर्णय के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि काउंसिल ने Fortified Rice Kernel (FRK) पर दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है और Gene Therapy पर भी जीएसटी से छूट दी है. वहीं दूसरी ओर कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मार्जिन वैल्यू पर 18 फीसदी प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया. काउंसिल ने साथ ही विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी व्यवस्था से बाहर रखने पर सहमति जताई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं
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